ब्राजील की रहने वाली गिस्लेने सिल्वा डी डेस ने अपने पिता की हत्या के बाद जिस तरह से इंसाफ की लड़ाई लड़ी वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। 1999 में जब गिस्लेने सिर्फ 9 साल की थीं, तब उनके पिता तो उनके ही दोस्त रेमुंडो अल्वेस गोम्स ने महज 20 डॉलर के विवाद के चलते बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस दर्दनाक हादसे ने गिस्लेने के परिवार की दुनिया बदल दी। परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा मगर एक नन्ही बच्ची के दिल में अपने पिता को इंसाफ दिलाने की प्रतिज्ञा ने जन्म लिया।
गिस्लेने की मां ने विषम परिस्थितियों में अपनी बेटियों की परवरिश की और नैतिकता का पाठ पढ़ाया। लेकिन जास्लीन के मन में बदले की आग सुलग रही थी, जिसे उन्होंने सही दिशा दी। मां की सीख के अनुसार गिस्लेने ने जीवन में नैतिकता और सही रास्ते का चुनाव किया। 18 साल की उम्र में गिस्लेने कानून की पढ़ाई की और अपने जीवन का उद्देश्य स्पष्ट किया। गिस्लेने का मकसद अब अपने पिता के हत्यारे को सजा दिलाना था।
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद, गिस्लेने ने पुलिस बल में भर्ती होकर हत्या मामलों की जांच के विभाग में काम करना शुरू किया। अब गिस्लेने का उद्देश्य अपने पिता के हत्यारे रेमुंडो अल्वेस गोम्स को ढूंढ़ निकालना था। गोम्स पिछले 13 साल से फरार था। 2013 में अदालत ने गोम्स को दोषी ठहराया था, लेकिन वह तब तक पकड़ से दूर था।
गिस्लेने ने वर्षों तक धैर्य और प्रतिबद्धता के साथ इस मिशन पर काम किया। आखिरकार, पिछले महीने उन्होंने गोम्स का ठिकाना खोज निकाला और उसे गिरफ्तार करवाया। कोर्ट ने गोस्म को 12 साल की सजा सुनाई और इस तरह गिस्लेने और उनके के पिता को इंसाफ मिला।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद गिस्लेने भावुक होकर बोलीं, “मैंने अपने पिता के हत्यारे को पकड़ने का जो संकल्प लिया था, आज वह पूरा हुआ। लेकिन मैं लोगों से कहना चाहती हूं कि बदले के लिए गलत रास्ता अपनाने की जरूरत नहीं है। न्याय प्रणाली में विश्वास रखना चाहिए।” गिस्लेने डी डेउस की यह अनोखी कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।